Vijay Thalapathy

27 सितंबर 2025, करूर (तमिलनाडु)तमिलनाडु के करूर ज़िले में आयोजित थलपति विजय (Thalapathy Vijay) की राजनीतिक रैली में शुक्रवार को भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए और कई लोगों की मौत हो गईइस दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया हैमुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (M.K. Stalin) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो मंत्रियों को मौके पर भेजा और घायलों के इलाज की पूरी निगरानी की ज़िम्मेदारी सौंपी

यह रैली विजय की पार्टी तमिऴगगा वेट्रिकझगम (TVK) की ओर से आयोजित की गई थी। करूर ज़िले में आयोजित इस सभा में हजारों की संख्या में समर्थक मौजूद थे।रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही विजय मंच पर पहुंचे, समर्थकों की भारी भीड़ ने एक साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया।

भीड़ इतनी अधिक थी कि प्रवेश और निकास के रास्ते अवरुद्ध हो गए और लोगों में घबराहट फैल गई।
कई लोग गिर पड़े और पीछे से आती भीड़ के दबाव में कुचले गए
स्थानीय पुलिस और मेडिकल टीम को हालात संभालने में कई मिनट लग गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह सब कुछ कुछ ही मिनटों में हुआ — और जब तक नियंत्रण पाया गया, तब तक स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी थी।

मौतों का आंकड़ा बढ़ा, राहत और बचाव में प्रशासन सक्रिय

अब तक की जानकारी के अनुसार, कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 10 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें नज़दीकी करूर गवर्नमेंट हॉस्पिटल और अन्य मेडिकल सेंटर्स में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।

स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू किया। एम्बुलेंस और मेडिकल टीमें मौके पर भेजी गईं, और घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया।

सीएम स्टालिन की त्वरित कार्रवाई, मंत्रियों को करूर भेजा

मुख्यमंत्री M.K. Stalin ने घटना की जानकारी मिलते ही दो वरिष्ठ मंत्रियों — V. Senthilbalaji और Ma. Subramanian — को करूर भेजा। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि घायलों को हर संभव मेडिकल सुविधा दी जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सीएम ने कहा,

यह एक बेहद दुखद घटना है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं रहेगी।

उन्होंने अस्पतालों को विशेष व्यवस्था करने, डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम तैनात करने और पीड़ित परिवारों को सहायता राशि देने की भी घोषणा की।

Thalapathy Vijay की संवेदनशील प्रतिक्रिया, रैली बीच में रोकी

Thalapathy Vijay

थलपति विजय ने घटना की जानकारी मिलते ही अपनी रैली को रोक दिया और सीधे प्रभावित क्षेत्र की ओर रवाना हो गए। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि हर घायल को पूरा सहयोग और सहायता दी जाएगी।

विजय ने ट्वीट कर लिखा,

यह घटना दिल दहला देने वाली है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हम सभी जरूरी मदद और सहयोग के लिए तैयार हैं।

भीड़ नियंत्रण में बड़ी चूक पर उठे सवाल

घटना के बाद कई सवाल उठने लगे हैं — क्या प्रशासन और आयोजन समिति ने इतनी बड़ी भीड़ के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए थे? क्या भीड़ नियंत्रण के उपाय, आपातकालीन रास्ते और मेडिकल सुविधाएं पहले से तय थीं?

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह हादसा भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक का नतीजा है।
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ आने के बावजूद, पुलिस की तैनाती सीमित थी और कोई प्रभावी एग्जिट प्लान मौजूद नहीं था।

स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया घटनास्थल का हाल

करूर के निवासी मुरुगन ने बताया,

“शुरुआत में माहौल उत्साहपूर्ण था। लेकिन जैसे ही विजय आए, लोग मंच के करीब जाने लगे। कुछ लोग गिर गए और पीछे से भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि सब कुछ नियंत्रण से बाहर हो गया।”

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा,

“हमने कई बार पुलिस को संकेत दिया कि लोग बहुत आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अगर थोड़ा नियंत्रण पहले होता, तो इतनी बड़ी त्रासदी टल सकती थी।”

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं और सरकार पर उठे सवाल

घटना के बाद विपक्षी दलों ने सरकार और आयोजकों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी रैली के लिए सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी थे। कुछ दलों ने इस पर न्यायिक जांच की मांग भी की है ताकि जिम्मेदार लोगों की पहचान हो सके।

दूसरी ओर, सत्ताधारी दल ने कहा कि सरकार ने स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाया और घायलों की मदद के लिए पूरा प्रशासन लगा दिया गया।

भीड़ प्रबंधन से मिली बड़ी सीख

इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि बड़े सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण कितना महत्वपूर्ण होता है।
अगर पहले से निकास मार्ग तय हों, सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाए, मेडिकल सुविधाएं नज़दीक हों और पर्याप्त सुरक्षा कर्मी तैनात हों — तो ऐसी त्रासदियों को टाला जा सकता है

विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में राजनीतिक रैलियों और बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए सख्त गाइडलाइन्स और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना ज़रूरी है।

निष्कर्ष: भीड़ प्रबंधन में सुधार की सख्त ज़रूरत

करूर की इस दर्दनाक घटना ने तमिलनाडु को झकझोर कर रख दिया है। यह सिर्फ एक राजनीतिक रैली में हुई दुर्घटना नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक लापरवाही की बड़ी चेतावनी है।

मुख्यमंत्री स्टालिन का त्वरित हस्तक्षेप और राहत कार्य सराहनीय है, लेकिन असली चुनौती अब यह है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए सरकार, पुलिस और राजनीतिक दलों को मिलकर स्पष्ट सुरक्षा प्रोटोकॉल और जवाबदेही प्रणाली तैयार करनी होगी।

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By Divyay

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