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ToggleModi–Xi Interaction से बड़े Highlights
SCO Summit
आपसी सम्मान और रिश्तों की बहाली (Restoration of Ties):
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कहा कि India अपने रिश्तों में “पारस्परिक विश्वास (Mutual Trust), सम्मान (Respect) और संवेदनशीलता (Sensitivity)” को महत्व देता है। President Xi Jinping ने ज़ोर दिया कि “Dragon और Elephant” यानी China और India, अच्छे पड़ोसी और दोस्त बनने चाहिए।
बेहतर सीमा प्रबंधन (Border Management):
दोनों नेताओं ने border areas को बेहतर तरीके से संभालने पर सहमति जताई। यह फैसला पिछले clashes और तनाव को कम करने और स्थिरता (Stability) बहाल करने के लिए अहम माना जा रहा है।
कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा (Kailash Mansarovar Pilgrimage) का दोबारा शुरू होना:
कई सालों बाद यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance) वाली pilgrimage फिर से शुरू हुई है। इसे people-to-people connectivity को मजबूत करने का बड़ा कदम माना गया है।
प्रत्यक्ष उड़ानों (Direct Flights) की वापसी:
India और China ने direct flights को फिर से शुरू करने का ऐलान किया। Flight operations लंबे समय से बंद थे, और इनकी वापसी दोनों देशों के बीच travel और trade को आसान बनाएगी।
यह Summit क्यों ज़रूरी था?
1. रणनीतिक समय (Strategic Timing):
यह summit ऐसे समय पर हुई जब दुनिया में US trade tensions और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएँ (Geopolitical Uncertainty) बढ़ रही हैं। ऐसे में India–China engagement यह संदेश देता है कि संवाद (Dialogue) अभी भी संभव है।
2. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव (Economic & Social Impact):
Flights और pilgrimage routes सीधे नागरिकों – यात्रियों, तीर्थयात्रियों और व्यापारियों – के लिए राहत लेकर आएंगे। ये practical steps धीरे-धीरे normal relations बहाल करने का संकेत देते हैं।
3. राजनयिक संतुलन (Diplomatic Balance):
China से मुलाक़ात का मतलब यह नहीं कि India अपने पुराने alliances से हट रहा है। बल्कि यह दर्शाता है कि India अलग-अलग global partners के साथ संतुलन बनाकर चल सकता है।
निष्कर्ष
PM Modi का यह दौरा बड़े-बड़े ऐलान करने के बजाय छोटे लेकिन ज़रूरी कदमों पर ज़्यादा ध्यान देने वाला था। जैसे –
धार्मिक यात्राओं (Pilgrimage) के रास्ते को फिर से खोलना,भारत और चीन के बीच उड़ानों को फिर से शुरू करना,और बॉर्डर पर कुछ प्रगति करना।
ये ऐसे कदम हैं जो सीधे-सीधे आम लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाते हैं।
भारत का चीन की तरफ यह वापसी थोड़ी सावधानी से हुई है। मतलब अभी दोनों देश बहुत ज़्यादा जल्दीबाज़ी नहीं कर रहे, लेकिन इतना साफ़ है कि अब दोनों देश स्थिर और भरोसेमंद रिश्तों की तरफ बढ़ रहे हैं।
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