Inspector Zende

Netflix का नया फिल्म “Inspector Zende” रिलीज़ हुआ है, जिसमें Manoj Bajpayee ने मशहूर इंस्पेक्टर माधुकुर ज़ेंडे का किरदार निभाया है और Jim Sarbh ने कुख्यात सीरियल किलर Charles Sobhraj (फिल्म में Carl Bhojraj) की भूमिका की है। कहानी 1970s–80s में ज़ेंडे द्वारा सोभराज को दो बार पकड़ने की सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में 80s मुंबई का माहौल, क्राइम-थ्रिलर और हल्की कॉमेडी दिखती है। Bajpayee की एक्टिंग की खूब तारीफ हो रही है, लेकिन रिव्यूज़ में स्क्रिप्ट को कमजोर बताया गया है।

“Inspector Zende” एक क्राइम-थ्रिलर फिल्म है जो 1970s–80s में मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसमें Manoj Bajpayee इंस्पेक्टर माधुकुर ज़ेंडे की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने कुख्यात अपराधी और सीरियल किलर Charles Sobhraj (फिल्म में Carl Bhojraj, निभाया है Jim Sarbh ने) को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। फिल्म ज़ेंडे और सोभराज के बीच चूहे-बिल्ली के खेल, जांच-पड़ताल और उस दौर की पुलिसिंग को दर्शाती है। यह असल घटनाओं से प्रेरित है और थ्रिल के साथ-साथ ड्रामा और थोड़ी हास्य झलक भी देती है।

फिल्म की कहानी का संक्षिप्त सारांश

Inspector Zende

यह फ़िल्म इंस्पेक्टर जेंडे की लगातार कोशिशों को दिखाती है, जहाँ उन्होंने अपनी तेज़ नज़र और चतुराई से चार्ल्स शोभराज का पीछा किया। एक दुर्लभ मोटरसाइकिल और संदिग्ध फ़ोन कॉल्स को जोड़कर उन्होंने सुराग निकाले। उनकी यह जिद ही थी जिसने शोभराज को गोवा में दोबारा पकड़ने में मदद की, वो भी तब जब वह जेल से फ़रार हो गया था।

Movie review: Inspector Zende – सच्ची घटना पर बनी रोमांचक क्राइम थ्रिलर

फिल्म Inspector Zende एक सच्ची घटना पर आधारित crime-thriller है। इसमें Manoj Bajpayee ने Inspector Zende और Jim Sarbh ने Charles Sobhraj का किरदार निभाया है।

कहानी दिखाती है कि कैसे Zende ने छोटे-छोटे सुराग जैसे बाइक और फोन कॉल्स से Sobhraj को ट्रैक किया और आखिरकार पकड़ लिया।

प्लस पॉइंट्स:

  • Manoj Bajpayee की अदाकारी बेहतरीन है।
  • Retro 70s-80s का माहौल अच्छे से दिखाया गया है।
  • Zende और Sobhraj का टकराव काफी दिलचस्प है।

माइनस पॉइंट्स:

  • Script और टाइट हो सकती थी।
  • Second half थोड़ा धीमा है।

Overall Verdict:
अगर आपको true crime stories और thrillers पसंद हैं, तो Inspector Zende ज़रूर देखनी चाहिए।

निष्कर्ष
फिल्म इंस्पेक्टर ज़ेंडे सिर्फ एक क्राइम थ्रिलर नहीं बल्कि साहस, बुद्धिमत्ता और समर्पण की कहानी है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे इंस्पेक्टर ज़ेंडे ने अपनी तीखी निगरानी और स्मार्ट रणनीति से चार्ल्स शोभराज जैसे खतरनाक अपराधी को साबित किया कि न्याय के लिए प्रतिबद्धता कैसी है। मनोज बाजपेयी ने इंस्पेक्टर ज़ेंडे के किरदार को गहराई और तीव्रता दी है, वहीं जिम सर्भ ने चार्ल्स शोभराज के जटिल व्यक्तित्व को कायल कर दिया है। कुल मिलाकर यह फिल्म सस्पेंस, ड्रामा और असल जिंदगी की प्रेरणा का ऐसा मिश्रण है जो दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ती है।

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By Divyay

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