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Toggle1. GAD क्या है?
GAD मतलब Generalized Anxiety Disorder होता है जो एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति रोज़मर्रा की चीज़ों को लेकर ज़रूरत से ज़्यादा चिंता और डर महसूस करता है—जैसे स्वास्थ्य, काम, पढ़ाई, परिवार या भविष्य—भले ही चिंता करने की कोई बड़ी वजह न हो।
GAD का सरल मतलब है की बहुत ज़्यादा, बार-बार चिंता करना , जिससे रोज़मर्रा की ज़िंदगी कठिन हो जाती है और उस चिंता को नियंत्रित न कर पाना।
2. GAD कितना common hai?
WHO के अनुसार, 2019 में करीब 301 मिलियन लोग दुनिया भर में किसी न किसी तरह के एंग्ज़ायटी विकार से प्रभावित थे, जो उस समय की आबादी का लगभग 4% था।
2023–2024 में भी आँकड़े लगभग इतने ही हैं — यानी लगभग 301 मिलियन लोग अब भी एंग्ज़ायटी विकार झेल रहे हैं। 2024 में GAD (जनरलाइज़्ड एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर) के सटीक आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन अनुमान है कि दुनिया की वयस्क आबादी में से लगभग 3% से 6% लोग GAD से पीड़ित हो सकते हैं — यानी करीब 180 से 360 मिलियन लोग ।
WHO के हिसाब से कुल एंग्ज़ायटी विकारों (301 मिलियन) में भी GAD एक बड़ा हिस्सा है।
3. Symptoms & Normal Worry vs GAD Worry-
सामान्य लक्षण(Symptoms):-
. बार-बार नकारात्मक “क्या होगा अगर” वाले विचार।
. बेचैनी और घबराहट।
. शरीर में तनाव, तेज़ धड़कन, पसीना।
. नींद न आना।
. जल्दी थक जाना।
.सर दर्द
.सास लेने माई परिशानी
🔹 सामान्य चिंता(Normal worry):-
. कभी-कभी होता है
. वास्तविक समस्या यह है
. समस्या ख़त्म हो गयी, चिंता भी ख़त्म हो गयी
. रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित नहीं होती
. थोड़ी देर घबराहट /तनाव रहता है
🔹 GAD की चिंता (GAD Worry):
. लगभग हर दिन होता है
. छोटी या बिना वजह की बातें पर भी
. सब ठीक है पर भी चिंता बनी रहती है
. नींद, पढ़ाई, काम, रिश्ते पर असर पड़ता है
. विभिन्न-महीनों तक तनाव, थकान और कमजोरी।
उदाहरण:-
सामान्य चिंता – “कल परीक्षा है, मैं घबराया हुआ हूँ।”
GAD में – “अगर मैं फेल हो गया तो? अगर टीचर ने डाँट दिया तो? अगर मैं कभी सफल ही न हो पाया तो?”
4. Treatment 🧠 थेरेपी (काउंसलिंग)
यह सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीका माना जाता है।
1.CBT (कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी): इसमें व्यक्ति अपनी नकारात्मक *“क्या होगा अगर”वाली सोच को पहचानकर उन्हें ज़्यादा वास्तविक और सकारात्मक विचारों से बदलना सीखता है।
रिलैक्सेशन ट्रेनिंग और माइंडफुलनेस: गहरी साँस लेना, ध्यान (Meditation), योग जैसी तकनीकें।
टॉक थेरेपी किसी प्रशिक्षित काउंसलर/थेरेपिस्ट से अपनी भावनाएँ साझा करने से तनाव कम होता है।
2. दवाइयाँ (सिर्फ डॉक्टर की सलाह से)
कुछ मामलों में मनोचिकित्सक/डॉक्टर दवाइयाँ लिखते हैं, लेकिन इन्हें हमेशा विशेषज्ञ की देखरेख में ही लेना चाहिए।
3. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)
. रोज़ व्यायाम करें (चलना, दौड़ना, योग) → तनाव कम होता है।
. 7–8 घंटे की पूरी नींद लें।
. हेल्दी खाना खाएँ (कैफ़ीन, शराब और जंक फ़ूड कम करें)।
. रोज़ गहरी साँस, ध्यान और मेडिटेशन करें।
. स्क्रीन टाइम और नकारात्मक खबरें कम देखें।
4. सहयोग (Support)
.परिवार और दोस्तों से खुलकर बात करें।
. ऐसे ग्रुप से जुड़ें (ऑनलाइन/ऑफ़लाइन) जहाँ लोग भी चिंता से जूझ रहे हों।
. डायरी/जर्नल में अपने विचार लिखें।
GAD का इलाज थेरेपी, ज़रूरत पड़ने पर दवा, और स्वस्थ जीवनशैली से संभव है।
ज्यादातर लोग थेरेपी + अच्छी आदतों से काफी बेहतर महसूस करते हैं।
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